18,000 भारतीयों की अमेरिका से बाहर निकालेगे ट्रंप: क्या है इसके मायने?

 America:  डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में वापस आने की संभावना के साथ, “प्रोजेक्ट 2025” और “मास डिपोर्टेशन प्रोग्राम (mass deportation program)” जैसी योजनाओं पर चर्चा फिर से शुरू हो गई है। इसमें सबसे अहम है 18,000 भारतीयों को अमेरिका से वापस भारत भेजने की योजना। यह न केवल भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका गहरा प्रभाव होगा। आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।

Trump to Deport

क्या है “प्रोजेक्ट 2025”?

प्रोजेक्ट 2025 ट्रंप की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें अमेरिका (America) में अवैध प्रवासियों को निकालने पर जोर दिया गया है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को प्रमुखता दी थी। आईसीई (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा तैयार की गई सूची में 15 लाख अवैध प्रवासी शामिल हैं, जिनमें से 18,000 भारतीय भी हैं।

भारतीय प्रवासियों (Migrants) के खिलाफ कार्रवाई क्यों?

आईसीई के अनुसार, 28 लाख भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। इनमें से कई लोग “डंकी रूट” जैसे गैरकानूनी तरीकों का उपयोग करके वहां पहुंचे हैं। यह एक खतरनाक और महंगा मार्ग है, जिसमें लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं। इसके बावजूद, वहां पहुंचने के बाद भी उन्हें असुरक्षा और संघर्ष का सामना करना पड़ता है।

डंकी रूट”: खतरनाक रास्ता

डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका जाने वाले लोग पहले साउथ अमेरिका, फिर सेंट्रल अमेरिका और अंत में मेक्सिको के जरिए अमेरिका (America) पहुंचते हैं। यह सफर बेहद खतरनाक होता है, जिसमें जंगलों और जोखिमभरे क्षेत्रों से गुजरना पड़ता है। इन यात्राओं में लोग औसतन 70-80 लाख रुपये खर्च करते हैं। यह सोचने वाली बात है कि इतनी बड़ी राशि में वे भारत में बेहतर जीवन स्तर पा सकते थे।

अमेरिका में अवैध प्रवासियों की स्थिति

अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों में से अधिकतर टेक्सास, फ्लोरिडा और न्यू जर्सी जैसे राज्यों में रहते हैं। अमेरिका में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने ट्रंप प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। ट्रंप का मानना है कि अवैध प्रवासी (Illegal migration) अमेरिका की आर्थिक और सामाजिक संरचना पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव

अमेरिका ने भारत सहित 18 देशों को “नॉन-कोऑपरेटिव” करार दिया है, जो निर्वासन प्रक्रिया (Deportation Process) में सहयोग नहीं करते। यह भारत के लिए एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध  प्रभावित हो सकते हैं। भारत सरकार (Indian Government)  इस मसले पर बातचीत कर रही है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इसका समाधान कैसे होगा।

अवैध प्रवासन (Illegal migration)  रोकने के उपाय

इस मुद्दे का समाधान केवल कड़े कानूनों से नहीं होगा, बल्कि भारत में रोजगार और अवसरों को बढ़ावा देकर इसे रोका जा सकता है।

  1. आर्थिक जागरूकता: 70-80 लाख रुपये खर्च करके अवैध रूप से विदेश जाने के बजाय, इस धन को भारत में व्यवसाय, शिक्षा या निवेश में लगाया जा सकता है।
  2. शिक्षा और कौशल विकास: बेहतर शिक्षा और कौशल विकास के जरिए लोग वैध तरीकों से विदेश जा सकते हैं।
  3. सरकारी नीतियां: सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर ध्यान देना चाहिए।

                                   18,000 भारतीयों का अमेरिका से निर्वासन (Exile) न केवल व्यक्तिगत स्तर पर प्रवासियों (Migrants) के लिए बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। अवैध प्रवासन (Illegal migration) रोकने और वैध रास्तों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार, समाज और व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करना आवश्यक है।

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