Sri Lanka: भारत के दक्षिण में स्थित Indian Ocean भारत के लिए तो खास है ही दुनिया के लिए भी बेहद खास है क्योंकि दुनिया जो Oil Consume करती है उसका 2 तिहाई ऑयल इसी इंडियन ओशियन से Travel होता है ना केवल ऑयल बल्कि इंडिया का जितना भी Trade है इंपोर्ट और एक्सपोर्ट के रूप में इसी इंडियन ओशियन से कवर होता है इस इंडियन ओशियन में एक दक्षिण में देश स्थित है जिसका नाम श्रीलंका है और इस Sri Lanka के दक्षिण में एक पोर्ट है जिसका नाम Hambantota Port है जिसे चीन ने अपने कर्ज में फंसाकर श्रीलंका को 99 साल की लीज पर ले लिया था। 99 Year की लीज पर लेने के बाद भारत और चीन एक दूसरे के आमने-सामने थे क्योंकि चीन द्वारा भारत पर निगरानी रखने के लिए हंबनटोटा पोर्ट पर लगातार जासूसी विमान/ जासूसी जहाज भेजे जा रहे थे जिससे वह यह चेक करना चाहता था कि भारत दक्षिण में स्थित अपने सैटेलाइट रिसर्च सेंटर से और साथ ही साथ अपने द्वारा नेवी के माध्यम से रिसर्च सेंटर्स के माध्यम से क्या प्रयोग करता है।
हंबनटोटा पोर्ट पर आज बड़ी सकारात्मक खबर आई है क्योंकि चीन का श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे से प्रेम था ।राजपक्षे परिवार अब देश के अंदर अपनी सत्ता से दूर जा चुके हैं इसी बीच में भारत का प्रभाव श्रीलंका में बढ़ता है और बढ़ते प्रभाव के चलते चीन श्रीलंका छोड़कर मालदीव शिफ्ट होता है और भारत श्रीलंका में अपनी स्थिति मजबूत कर लेता है आज भारत के द्वारा श्रीलंका के अंदर श्रीलंका के रानिल विक्रम सिंघे जो वर्तमान में राष्ट्रपति हैं उनके माध्यम से एक बहुत बड़ी अचीवमेंट हासिल की गई है और वो अचीवमेंट यह है कि इंडिया और रुस ने मिलकर जिस हंबनटोटा पोर्ट को चीन ने लिया हुआ था उसे अब भारत ने ले लिया है। यह खबर अपने आप में बहुत मायने रखती है जहां श्रीलंका के दक्षिण के किनारे पर पानी का जो पोर्ट है अगर वह चीन के पास है तो उस जगह का हवाई अड्डा अब भारत के पास है। हवाई अड्डे के प्राप्त होने से चीन को मात देकर भारत ने एक बहुत बड़ी जिओ पॉलिटिकल विन प्राप्त की है

इंडियन ओशन महत्वपूर्ण क्यो है-
World में सामान ले जाने वाले मालवाहक जहाज निकलते हैं उनके 1 तिहाई जहाज इसी इण्डियन ओशन के पानी से होकर निकलते हैं साथ में 2 तिहाई ऑयल शिपमेंट यानी कि ऑयल ले जाने वाले जो टैंकर्स हैं दुनिया के वो 2 तिहाई टैंकर यहां से निकलते हैं। इसका कारण यह है कि फारस की खाड़ी में पर्शियन गल्फ में ऑयल प्रोड्यूस कंट्रीज(ईरान, इराक, सउदी, अरब, कुबेत आदि) हैं इन देश से ऑयल India तक आता है तथा आसियान कंट्रीज और China तक जाता है ये ऑयल ट्रेड रूट होने की वजह से बेहद खास क्षेत्र है इतना ही नहीं फिर चाहे ऑस्ट्रेलिया हो फिर या फिर अफ्रीका हो इन सभी क्षेत्रों के अंदर यहां से ऑयल की डिलीवरी होती है । इस Indian Ocean क्षेत्र में कुल मिलाकर आशियन आशियन क्षेत्र में 33 Country कनेक्टेड हैं जो कि अपने आप में एक बड़ी बात रखती है । इस पूरे क्षेत्र के अंदर लगभग 2.9 बिलियन लोग निवास करते हैं Indian Ocean क्षेत्र अपने आप में दुनिया के लिए बेहद खास है इसका खास होना इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया का 80 मेरीटाइम ऑयल और 99 बिलियन टन कार्गो यहां से हर साल पास होता है। सन 2020 में यहां से 6.17 ट्रिलियन डॉलर का ट्रेड हुआ था। India की कुल जीडीपी का लगभग डेढ़ गुना यहां से ट्रेड हुआ था यह अपने आप में एक बहुत बड़ा Fact & Figures है Interesting बात यह भी है कि India इस पूरे क्षेत्र का Largest Importer & Exporter देश है इसके बाद में इस क्षेत्र के अंदर सिंगापुर मलेशिया ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड का नाम आता है। यानी 2020 के आंकड़े अगर हम रेफरेंस में यूज करें तो इंपोर्ट एक्सपोर्ट करके इंडिया ने लगभग 650 बिलियन डॉलर का इंडियन ओशियन से ट्रेड किया था। इंडियन ओशियन में ट्रेड करने वाले देशों में सेकंड नंबर सिंगापुर फिर मलेशिया ऑस्ट्रेलिया फिर थाईलैंड का आता है। इसका मतलब यह हुआ कि इंडियन ओशियन से तेल मंगाना हो या फिर इस क्षेत्र के अंदर लोगों को सामान भेजना हो China के लिए इंडियन ओशन बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है यही कारण है कि इस क्षेत्र में चीन ने अपना प्रभाव स्थापित करने के लिए ही श्रीलंका के अंदर डेट ट्रैप की यानी कि ऋण जाल में फंसाने की नीति अपनाई थी
फिलहाल के लिए जिस जगह की बात कर रहे हैं वह है श्रीलंका का हबन टोटा जहां पर 99 साल के लिए China ने Sri Lanka से एक पोर्ट अपने कब्जे में ले लिया है दूसरा देश जो जल्दी ही बिक जाएगा उसका नाम है मालदीव जिसका इंडिया के साथ फिलहाल चर्चा आप सुन ही रहे हैं जिस पर लगभग China अपना प्रभाव पूरा सिद्ध कर रहा है ठीक इसी प्रकार से हमारा पड़ोसी एक और गरीब देश जिसका नाम पाकिस्तान ,पाकिस्तान के अंदर भी सीपैक बना कर के इसके ऊपर भी बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट चीन कर ही रहा है ऐसे ही यहां पर हॉर्न ऑफ अफ्रीका के अंदर एक देश है जिसका नाम है जिबूती यहां पर भी चीन ने प्रॉपर तरीके से अपना बेस बना लिया है ये वो कुछ देश हैं जहां पर चीन बहुत ज्यादा निवेश कर रहा है