
India: दुनिया की सबसे अधिक आबादी रखने वाला देश आज अपनी ही आबादी में बहुसंख्यक की संख्या में गिरावट और अल्पसंख्यकों की संख्या में वृद्धि देखता है और अल्पसंख्यकों में भी मुसलमानों की आबादी में बहुत बड़ी संख्या में वृद्धि देखी गई है ऐसा हम नहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है आज उस रिपोर्ट की डिटेल चर्चा करेंगे। आपको याद होगा आज से एक साल पहले यूएन की रिपोर्ट में वताया था कि भारत जनसंख्या में नंबर वन हो गया है। भारत में 2011 के बाद जो हर 10 साल में होने वाली पॉपुलेशन की काउंटिंग है 2021 वाली नहीं हुई है और 2021 की पॉपुलेशन में चूकि जनसंख्या की गणना नहीं हो पाई है जनगणना नहीं हो पाई है ऐसी स्थिति में यूएन ने अपनी तरफ से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। लेकिन भारत के आंकड़ों में आज भी 2011 की ही रिपोर्ट्स को कंसीडर किया जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जो कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा निकाली गई है और उसमें कहा गया है कि भारत की जो पॉपुलेशन है उसमें हिंदू पॉपुलेशन में 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है वहीं मुसलमानों की पॉपुलेशन में 43 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है यदि वर्ष 1950 से लेकर वर्ष 2015 के बीच के आंकड़ों का जिक्र किया जाए तो यहां पर आंकड़े इस समय हेडलाइंस बने हुए हैं देश भर की टॉप स्टोरीज बने हुए हैं राजनीति में इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा क्यों कि जहां एक और भारत में इलेक्शंस चल रहे हैं हर पार्टी अपना एक एजेंडा लेकर चल रही है जहां एक और मुसलमानों को दिए गए रिजर्वेशन का बीजेपी विरोध कर रही है यह मानते हुए कि कहीं ऐसा ना हो कि भविष्य में एसटी एससी ओबीसी को दिए गए रिजर्वेशन कोटे में से मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बता कर के वोट पर रिजर्वेशन दिया जाए वहीं पर कांग्रेस अपनी तरफ से यह आरोप लगाकर चल रही है कि यह लोग 400 पार का नारा इसलिए लगा रहे हैं ताकि यह रिजर्वेशन ही खत्म कर दें अब कौन सही क्या गलत यह आपको सोचना है क्योंकि मुश्किल से 15-20 दिन बाद ही सरकार का फाइनल फैसला हो जाएगा कौन सी सरकार किस जगह बैठने वाली है । कुल मिलाकर जनता के सामने अपने मुद्दों को रखते हुए जिस प्रकार से पॉलिटिकल पार्टी कार्य कर रही हैं उसी बीच में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का इस प्रकार के रिपोर्ट का निकाल कर ले आना यह लोगों का ध्यान अपनी ओर स्वतः ही आकर्षित करता है और विशेष रूप से तब आकर्षित करता है जब बीजेपी बार-बार अपने चुनाव प्रचार में एक ही बात कह रही है और वह यह है कि जो मुसलमानों को रिजर्वेशन दिया गया है। यह माइनॉरिटी अगर इतनी तेजी से बढ़ रही है तो 2006-2007 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि माइनॉरिटी की भी एक परिभाषा डिसाइड होनी चाहिए कि यह ना हो कि 51 प्रतिशत पर जिसकी आबादी हो वो बहुसंख्यक कहलाए और 49 प्रतिशत पर जिसकी आबादी हो वो अल्पसंख्यक कहलाए। कुल मिलाकर राजनीति में इस समय माइनॉरिटी क्या है किसको कितना रिजर्वेशन दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत में धर्म के आधार पर रिजर्वेशन नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में धार्मिक आधार पर जो रिजर्वेशन जिन काग्रंेस शासित राज्यों में दिया गया है उनमें बीजेपी बार-बार प्रचार में कह रही है इसे हटाना होगा और यदि आप नहीं हटाते हो तो ये जो स्थिति है ये और विकट हो जाएगी
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद क्या होती है
जब भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को आप इन दिनों देख रहे हैं तो वह पूरे टाइम चुनाव प्रचार में दिखाई दे रहे हैं फिर वह देश के नीतिगत फैसले कैसे लेते होंगे देश के लिए अगर कोई व्यवस्था करनी है कोई भी कानून पास करना है क्योंकि अभी तो इलेक्शन का टाइम है तो कानून पास नहीं होगा लेकिन डेली के कौन से मुद्दे हैं देश के लिए कौन सा प्राथमिक मुद्दा है किसको अभी तुलनात्मक रूप से जल्दी सेटल करना है इन सब चीजों के लिए सलाह देने के लिए एक एडवाइजरी काउंसिल होती है । प्रधानमंत्रीजी के पास आर्थिक विषयों पर सलाह देने के लिए एक इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल होती है उस इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के अंदर वर्तमान में चेयरमैन विवेक देबय हैं अब आपके दिमाग में सवाल बनेगा कि यह काउंसिल क्या-क्या काम करती है ।भारत के अंदर जितने भी बड़े मुद्दे चल रहे हैं जो इकोनॉमिक मुद्दे हैं उनके लिए प्रधानमंत्री को सलाह देती है।
इस रिपोर्ट के अन्दर भारत के अंदर दो कम्युनिटी ऐसी है जिनकी जनसंख्या में गिरावट आई है जिनमें जैन कम्युनिटी और पारसी कम्युनिटी है। जहां जैनों की जनसंख्या कुछ अबादी का पहले 0.45 प्रतिशत थी वह 0.36 प्रतिशत रह गई है ।भारत की आबादी कुल मिलाकर 144 करोड़ के आसपास मानी जा रही है। मुस्लिमों की जनसंख्या बढने की मेजर वजहों में जो वजह बनाई जा रही हैं उनमें से है लोगों का धर्म परिवर्तन करना, धर्मांतरण दूसरा पड़ोसी मुल्कों से जैसे बांग्लादेश ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में भारत के अंदर अवैध प्रवासी घुसकर चले आते हैं ,तीसरा जो सबसे बड़ा कारण माना गया है वह है इस्लाम का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनुसार चलना या फिर मुस्लिमों का भारत के लिए एक समान कानून का पालन ना करना जहां भारत के अंदर धर्म के आधार पर जैसे हिंदुओं के लिए हिंदू मैरिज एक्ट चलता है मुस्लिमों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चलता है जिसके बताए गए कानून पर शरिया कानून पर ही मुसलमान अपने जीवन शैली को जीते हैं जिसमें बहु पत्नी प्रथा और बहु पत्नी प्रथा के चलते बच्चों की संख्या होना है। ऐसी स्थिति में औसत जहां हम दो हमारे दो की कांसेप्ट इंडिया में वैलिड है एक पुरुष के साथ एक महिला और उसके दो संतान अगर ऐसी स्थिति में यहां एक मुस्लिम पुरुष तुलनात्मक रूप से एक की जगह दो महिला भी रखता है तो एक पुरुष के मुकाबले अब चार बच्चे होंगे इसी के चलते इसको कहा जाता है कि हम पांच हमारे 25 इस प्रकार से हम चार हमारे 40 इस तरह से बहु पत्नी प्रथा के चलते यहां पर जनसंख्या में इजाफा हो रहा है। यह भी अदेंशा लगाया जा रहा है कि यहां पर बड़ी संख्या में देश के अंदर घुसपैठिए घुस आए हो या फिर इन्होंने बहुत सारी शादियां कर ली जिसके चलते इनकी बहुत सी संतानें हुई और उन संतानों की वजह से इनकी संख्या में विस्फोटक वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा भारत के अंदर क्रिश्चियन पॉपुलेशन में भी वृद्धि दर्ज की गई है सिख पॉपुलेशन के अंदर भी वृद्धि दर्ज की गई है केवल जैन और जो पारसी हैं इनकी संख्या में गिरावट दर्ज की गई है बाकी जितने भी धर्म हैं हिन्दुओ को छोड़कर उनकी संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।