
MALDIVES : मालदीव का टूरिज्म जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्षद्वीप में गोते लगाए उसके बाद डूब गया। India वालो ने मालदीव जाना छोड दिया। पूर्व में सुर्खी निकाल कर आई थी कि भारत के प्रधानमंत्री लक्षद्वीप क्यों गए , इस संम्बन्ध में जानकारी निकलकर आयी कि Maldives के जो वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हैं वह डिमांड कर रहे थे कि इंडिया के सैनिकों को मालदीप से बाहर निकालेंगे उनके बाहर निकलने का हमने मुंहतोड़ जवाब दिया। अपने तरीके से डिप्लोमेटिक अंदाज में हमने अपने ही एक आयरलैंड लक्षद्वीप को को प्रमोट कर दिया। मोहम्मद मुइज्ज ने ऐसा क्यो कहा था क्योकि उन्हे मालदीव में इलेक्शन जितना था।
Maldives चाहता था कि इंडिया के जो सैनिक मालदीव में हैं वह वापस चले जाएं क्योकि मालदीव ने चीन से पैसा लिया था। मालदीव पर वर्तमान में जितना कर्ज है उसके कुल कर्ज का 25 प्रतिशत कर्ज चीन की एक्सिम बैंक का है। मालदीव पर इतना कर्जा है कि आईएमएफ ने आज अपनी तरफ से कहा है कि तुम ₹100 कमाते हो तुम पर 122 रुपए का कर्जा है यानी कि तुम्हारी जीडीपी से ज्यादा तुम पर कर्ज है । परन्तु मालदीव तो राजनीति करने में लगा था कि हम इंडिया के सैनिक भेजेगें और यह राजनीति करने में कामयाब भी रहे, बाकायदा इन्होंने प्रॉपर तरीके से इंडिया के सैनिकों को Maldives से निकाल कर चीन से पैसा लिया और उसके बाद में इंडिया से भी पैसा ले गए। मालदीव के मिनिस्टर ने हाल ही में बयान दिया है कि आपके ने (India) हमको जो हेलीकॉप्टर दिये थे जिनको चलाने के लिए आपने भारतीय सैनिक रखे हुए थे वह हेलीकॉप्टर चल नहीं रहे है। हमें सिखाओ हमसे कुछ हो नहीं पा रहा है अव India के सैनिक वापस मालदीव को हैलीकॉप्टर चलाना सिखायेगें। मालदीव में दो पार्टी है एक पार्टी से मोहम्मद मुइज्जू है जो प्रो चाइना है। दूसरी पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह है जो प्रो इंडिया है।
India पहले गुटनिरपेक्ष रहता था लेकिन रूस और अमेरिका के बीच में रहकर यह सीख गया कि जिस तरह से रूस और अमेरिका ने दुनिया को बांट रखा है कि तुम अमेरिका के समर्थक हो कि रूस के समर्थक हो ऐसे ही इंडिया ने अपने आसपास के देशों को चीन और भारत में बांट लिया है कि तुम चीन समर्थक हो कि भारत समर्थक हो। आप इण्डिया के आसपास के हर देश में चले जाओ बांग्लादेश के प्रो चीन प्रो इंडिया गवर्नमेंट है नेपाल चले जाओ प्रो चीन प्रो इंडिया गवर्नमेंट है, मालदीप चले जाओ, श्रीलंका चले जाओ हर जगह प्रो चीन प्रो इंडिया यानी कि अब इस रीजनल एरिया में अमेरिका रूस नहीं चलता है यहॉ इंडिया चीन चलता है एशिया में इंडिया ने अपनी यह धाक तो बना ली है। मालदीव में चुनाव से पूर्व एक व्यक्ति मोहम्मद मुइज्जू निकालकर आता है जो चीन समर्थक है। इसे चुनाव जीतना था ,इसने चुनाव जितने के लिये इंडिया आउट का नारा लगवा दिया।
Maldives में लगभग 5 लाख की आबादी है। मालदीव में सैकड़ो आईलैंड्स है और आईलैंड्स पर अगर कोई गलती से कोई कैजुअल्टी हो जाए तो उनको उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए भारत ने अपनी तरफ से मालदीव को एयरक्राफ्ट दिए हुए थे जिनमें एयर एंबुलेंस की तरह लोगों को लिफ्ट करके या फिर कोई कैजुअल्टी कहीं बॉर्डर एरिया पर हो गई कभी समुद्र में हो गई वहां से लोगों को लिफ्ट करके मदद पहुंचाने के लिए मालदीव को हमने मदद दी हुई थी। मुइज्जू ने चुनाव के समय मालदीव के लोगों से कहा कि इंडिया इस बहाने हम पर कंट्रोल करता है जनता इमोशनल हो गई कि हां यार हम तो आज तक गुलाम है इंडिया ने हमें गुलाम बनाया हुआ है तो इंडिया गो बैक का नारा लगा मुइज्जू अपने देश के लोगों को यह बताने में कामयाब हो गया कि तुम मुझे वोट दो मैं इंडिया को बाहर कर दूंगा । 2023 के अंत में Maldives में Election में मुइज्जू चुनाव जीत जाते है। हमने एयरक्राफ्ट जो हमने इनको डोनेट किए थे दो हेलीकॉप्टर और एक डोरनिया एयरक्राफ्ट वह इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज रेस्क्यू समुद्र के निगरानी और पेट्रोलिंग का काम कर रहे थे ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें तथा 75 के आसपास सैनिक दिए हैं।इंडिया ने अपने सैनिक पूरी तरह से बापस बुला लिये। 10 अप्रेल 2024 को उनके राष्ट्रपति ने अपनी जनता को बता दिया कि देखो हम जीत गए हैं हमने इनको कहा था कि सैनिक वापस ले जाओ यह ले गए ।इण्डिया ने बयान दिया कि जो हमने सैनिक बापस मॅगाये है उनको हमने टेक्निकल स्टाफ से रिप्लेस कर दिया ह।।
अव Maldives एक प्रेस कांफ्रेंस के अंदर कह रहा है कि इंडिया के जो सोल्जर्स थे जो यहां हेलीकॉप्टर चला रहे थे मालदीव्स में अब उन हेलीकॉप्टर को हमारे पायलट चला नहीं पा रहे हैं इनडायरेक्ट इशारा कर रहे कि अब अपने सैनिकों को भी बापस भे दें ।मालदीव के मिनिस्टर का 13 मई 2024 का बयान है कि हमारे पायलेट्स इण्डिया के हेलीकॉप्टरों को उड़ा नहीं पा रहे हैं अव लगता है कुछ दिन बाद बुलावा भी आएगा कि सर ट्रेनिंग के लिए अपने सैनिक भेज दीजिए।