Exit Polls : भारत में चुनाव के दौरान एग्जिट पोल्स का महत्व काफी बढ़ जाता है। चुनाव के विभिन्न चरणों के बाद, Exit Polls यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि जनता ने किस पार्टी को वोट दिया है। इस वर्ष के एग्जिट पोल्स में BJP की बढ़त साफ दिखाई दे रही है, लेकिन कांग्रेस का 295 सीटों का दावा भी चर्चा में है।

18वीं लोकसभा के लिए जो चुनाव हुए इन चुनावों में सात चरणों में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेशों की 542 सीटों पर चुनाव हुए क्योंकि 543 व सीट पर निर्विरोध पहले ही सांसद चुन लिया गया है औसत 65.4 प्रतिशत की वोटिंग हुई, 19 अप्रैल से 4 जून तक यह चुनावी प्रक्रिया कुल 46 दिनों तक चली है जो कि 1952 के बाद सबसे लंबी प्रक्रिया है। 1952 में चुनाव चार महीने चले थे और अगर सबसे कम समय की बात की जाए तो 1980 में जब बैलेट पेपर से मतदान होता था तो 4 दिन में ही चुनावी प्रक्रिया खत्म कर ली गई थी।
Exit Polls और BJP की बढ़त:
एग्जिट पोल्स के अनुसार, BJP इस बार भी बहुमत हासिल करती दिख रही है। हालांकि, Congress ने 295 सीटों का एक सटीक आंकड़ा दिया है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह आंकड़ा सही है या फिर इसके पीछे कोई साजिश है। Rahul Gandhi ने 295 सीटों का जिक्र करते हुए सिद्धू मूसेवाला के गाने ‘295’ का भी संदर्भ दिया, जिससे यह गाना चर्चा में आ गया।
Exit Polls की प्रक्रिया:
एग्जिट पोल्स का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि चुनाव स्थल से बाहर निकलने वाले वोटरों से सवाल पूछे जाएं कि उन्होंने किसे वोट दिया। इस जानकारी के आधार पर एग्जिट पोल्स की रिपोर्ट तैयार की जाती है। हालांकि, Exit Polls की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते हैं क्योंकि यह केवल कुछ लोगों से पूछे गए सवालों पर आधारित होता है।
एग्जिट पोल्स के इतिहास में झांकना:
2019 और 2014 के एग्जिट पोल्स का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इन वर्षों में एग्जिट पोल्स काफी हद तक सही साबित हुए थे। 2019 में, इंडिया टुडे और एक्सेस माय इंडिया ने एनडीए के लिए सही आंकड़े प्रेडिक्ट किए थे। 2014 में भी एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की जीत का सही अनुमान लगाया था।
एग्जिट पोल्स के राजनीतिक प्रभाव:
Exit Polls के परिणाम विपक्ष पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। BJP की बढ़त के संकेत मिलने के बाद, विपक्षी दलों को अपनी रणनीतियाँ बदलनी पड़ती हैं। साथ ही, एग्जिट पोल्स के परिणाम आने के बाद राजनीतिक दल अपने समर्थन जुटाने के प्रयास भी तेज कर देते हैं।
एग्जिट पोल्स भविष्यवाणी हैं, लेकिन इनकी सटीकता पर सवाल उठते रहते हैं। चुनाव के वास्तविक परिणाम एग्जिट पोल्स से अलग भी हो सकते हैं। इसलिए, एग्जिट पोल्स को एक सटीक भविष्यवाणी के रूप में नहीं, बल्कि एक संभावित अनुमान के रूप में देखना चाहिए। चुनाव के बाद आने वाले परिणाम ही असली तस्वीर पेश करेंगे।