प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इस बार के चुनाव में भी मोदी जी की विजय ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। पाकिस्तान की यह बौखलाहट स्पष्ट रूप से दिखाई दी जब प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से कुछ ही समय पहले रियासी जिले में आतंकवादी हमला हुआ।

घटना का विवरण
रियासी जिले के कटरा इलाके में यात्रियों से भरी एक बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में 10 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। आतंकवादियों ने सेना की वर्दी पहन कर इस हमले को अंजाम दिया। यह हमला तब हुआ जब देश प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में था। इस हमले का मुख्य उद्देश्य भारत में अशांति फैलाना और सरकार को चुनौती देना था। लेकिन, भारत ने हमेशा की तरह इस चुनौती का सामना बहादुरी से किया और हमलावरों को ढूंढकर सजा दी।
पाकिस्तान का दृष्टिकोण
पाकिस्तान के कई नेता और संगठन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को लेकर नाखुश हैं। जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है, तब से पाकिस्तान की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। कश्मीर में हो रहे विकास कार्य और स्थिरता से पाकिस्तान के आतंकी संगठन नाराज हैं। पाकिस्तान की यह बौखलाहट इसलिए भी है क्योंकि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है। पाकिस्तान के पास अब केवल चीन का समर्थन ही बचा है, जो कि उसकी स्थिति को और कमजोर बनाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर ‘All Eyes On Reasi‘ का ट्रेंड तेजी से वायरल हुआ। लोगों ने इस ट्रेंड के माध्यम से पाकिस्तान समर्थक लिबरल्स और सेलिब्रिटीज के दोगलेपन को उजागर किया। जब विदेशों में कोई घटना होती है तो ये लोग सक्रिय हो जाते हैं, लेकिन अपने देश की घटना पर चुप्पी साध लेते हैं। इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर आम जनता ने भी अपनी आवाज बुलंद की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। इस तरह की घटनाओं से स्पष्ट है कि देश की जनता अब जागरूक हो चुकी है और आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
आतंकवाद का मुद्दा
लश्कर-ए-तैयबा और TRF (The Resistance Front) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। TRF लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है और भारत में कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। भारत सरकार ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होते हैं और उनकी फंडिंग भी वहीं से होती है। भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को बेनकाब किया है और इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इन संगठनों का मुख्य उद्देश्य भारत में अस्थिरता फैलाना और आतंक का माहौल बनाना है। लेकिन, भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और सख्त रवैये के कारण ये संगठन अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाते हैं।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
इस हमले पर भारतीय नेताओं के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने भी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इजराइल के नेताओं ने भारत के प्रति समर्थन जताया और आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद का मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं हमें डराने में सफल नहीं होंगी और हम अपनी सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। इस हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने भी अपनी सतर्कता बढ़ा दी है और आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
पाकिस्तान की बौखलाहट स्पष्ट है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही पाकिस्तान ने अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। भारत ने हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और भविष्य में भी यह रुख कायम रहेगा। हमें सतर्क रहना होगा और आतंकवाद का सामना करने के लिए एकजुट रहना होगा। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे ताकि आतंकवाद की इस जड़ को समाप्त किया जा सके। भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों को और अधिक मजबूत करना होगा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाना होगा।