NDA Lok Sabha : 4 जून 2024 को भारत ने यह निर्णायक फैसला कर लिया कि तीसरी बार फिर से NDA सरकार बन रही है। लेकिन इस बार 400 सीटों के लक्ष्य से कम रह जाने के बावजूद NDA ने बहुमत हासिल कर लिया है। हम जानेंगे कि क्यों इस बार जीत के बावजूद एनडीए में आत्मविश्वास की कमी है और क्या Bharatiya Janata Party मोदी सरकार तीसरी बार सरकार बना पाएगी?

मुख्य मुद्दा: NDA का 400 सीटों का लक्ष्य
इस चुनाव में NDA ने 400 सीटों का लक्ष्य रखा था, जो कि 272 सीटों के बहुमत से काफी ऊपर था। हालांकि, एनडीए ने 272 सीटों के मुकाबले 292 से अधिक सीटें हासिल की हैं, लेकिन 400 का लक्ष्य न पूरा होने के कारण एक प्रकार की निराशा भी है।
जनता की प्रतिक्रिया और इन्वेस्टरों की चिंता
जनता और इन्वेस्टरों ने भी एनडीए की इस जीत को पूरी तरह से सकारात्मक नहीं माना। अमित शाह और नरेंद्र मोदी के 400 सीटों के दावे ने इन्वेस्टरों में उम्मीदें बढ़ा दी थीं, लेकिन 400 सीटों का आंकड़ा न छू पाने के कारण शेयर मार्केट में भी गिरावट आई।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की भूमिका
इंडिया अलायंस जिसमें अपोजिशन के मैक्सिमम ग्रुप एक साथ आ गए वह इस उम्मीद में हैं कि मिस्टर नीतीश कुमार जिन्हें मिस्टर यूटर्न के नाम से जाना जाता है वो व चंद्रबाबू नायडू बस हमारी तरफ देख लेंगे तो निश्चित ही इंडिया अलायंस की सीटें सरकार बनाने में कामयाब हो जाएंगी बड़ा ही रोचक मुकाबला हो गया है कि अगर एनडीए से नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों भी चले जाते हैं। एनडीए में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर ये दोनों नेता NDA छोड़ देते हैं, तब भी बीजेपी के पास 260 से अधिक सीटें होंगी, जो बहुमत से थोड़ी कम हैं। बीजेपी का पुराना इतिहास उठाकर देखा जाए जब पूरी-पूरी पार्टी इनके साथ जुड़ जाती है तो इनके लिए यह 272 का मैजिक नंबर बनाकर रखना बहुत बड़ी बात नहीं है फिर भी, एनडीए को सरकार बनाने में दिक्कत नहीं होगी।
बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनना
60 साल बाद ऐसा हुआ है कि कोई सरकार तीसरी बार रिपीट हो रही है। इससे पहले, यूपीए सरकार ने दो बार रिपीट किया था। इस बार, एनडीए ने यह कर दिखाया है, और BJP लार्जेस्ट सिंगल पार्टी बनकर उभरी है।
कांग्रेस और इंडिया अलायंस का प्रदर्शन
इंडिया अलायंस इस बार बहुमत से काफी दूर है। कांग्रेस ने इस बार ईवीएम पर आरोप नहीं लगाया है क्योंकि उन्होंने तीन अंकों का आंकड़ा छू लिया है। तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग नहीं की थी, फिर भी उन्होंने 29 सीटें जीती हैं।
मार्केट की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं
मार्केट ने एनडीए की इस जीत को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। निवेशकों ने लाखों करोड़ का नुकसान उठाया। भविष्य में मार्केट की स्थिति को सुधारने के लिए बीजेपी को और मेहनत करनी होगी।
एनडीए ने इस बार भी बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन 400 सीटों का लक्ष्य न पूरा कर पाने के कारण उन्हें आत्मनिरीक्षण करना होगा। फिर भी, मोदी सरकार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है, और आगामी समय में राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा कि कैसे यह सरकार काम करेगी और देश को आगे बढ़ाएगी।
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