इतनी मौत के बाद भी नहीं सुधरा हमास… इजराइल-हमास संघर्ष

इजराइल-हमास संघर्ष: 233 दिनों से जारी इजराइल-हमास संघर्ष में अब तक 37,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस स्थिति में इजराइल पर देश और दुनिया के विभिन्न प्रकार के दबाव हैं, जैसे इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) द्वारा डाला जा रहा दबाव। वदले में इजराइल ने राफा पर हमला किया।

हमास ने इतने दिन की जंग के बाद इतने लोगों की मौतों के बाद फिर से इजराइल पर मिसाइल हमला कर दिया, जहां Hamas और Palestine के साथ हमदर्दी दिखाकर दुनिया भर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं इजराइल पर तमाम प्रकार से दबाब बनाने की प्रयास कर रहे हैं उन्हीं प्रयासों के बीच चलते हुए बम धमाके ,उड़ते हुए वम, सायरन की आवाज ,उड़ती हुई धुआं यह इंगित करता है कि हमास अभी भी बचा हुआ है और हमास अभी भी इजराइल के खिलाफ अपने सभी हथकंडे अपनाने का प्रयास कर रहा है जहां दुनिया की सभी लोग मानवता की दुहाई देकर फिलिस्तीन के भीतर या गाजा पट्टी के भीतर हमास के खात्मे के लिए इजराइली प्रयासों की निंदा कर रहे हैं हैं दुनिया भर में प्रोटेस्ट हो रहे हैं वहीं हमास अपनी हरकतों से ना रुकते हुए इजराइल पर फिर हमला कर देता है जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा।

नेतनयाहू बार-बार यह कह रहे हैं कि अरब देश जिसमें वह फिलिस्तीन को भी शामिल करते हैं अगर यह वेपन पहले रख देंगे दुनिया में शांति आ जाएगी लेकिन अगर मैं वेपन पहले रख दूंगा तो दुनिया में से इजराइल खत्म हो जाएगा ।

दुनिया भर में हमास और फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, ICC और ICJ जैसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों द्वारा इजराइल पर दबाव डाला जा रहा है। इन न्यायालयों का उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करना और न्याय प्रदान करना है।

ICJ और ICC के बीच अंतर समझना महत्वपूर्ण है। ICJ की स्थापना 1945 में हुई थी और यह UN की एक आधिकारिक कोर्ट है। वहीं, ICC की स्थापना 2002 में हुई और यह रोम स्टेट्यूट के तहत गठित की गई है। दोनों न्यायालयों के मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में हैं।

इजराइल ने राफा पर हमला किया, जबकि ICJ ने आदेश दिया था कि इसे रोका जाए। हमास के लगातार हमलों के चलते इजराइल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे केवल हमास के खिलाफ हैं और वे अपने नागरिकों की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं।

ICC और ICJ की ताकत सीमित है। उदाहरण के लिए, रूस और यूक्रेन के मामले में ICJ का फैसला लागू नहीं हो सका क्योंकि रूस ने इसे मानने से इंकार कर दिया था। इसी प्रकार, इजराइल ने भी ICJ के आदेशों को नजरअंदाज कर दिया।

इस संघर्ष का समाधान अमेरिका की भूमिका पर निर्भर करता है। UN सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और अन्य महत्वपूर्ण देशों के संयुक्त प्रयास से ही इस संघर्ष को समाप्त किया जा सकता है। एक शांति समझौता आवश्यक है जिससे दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति स्थापित हो सके।

निष्कर्ष

वर्तमान में इजराइल-हमास संघर्ष एक गंभीर स्थिति में है और इसके समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास आवश्यक हैं। इस संघर्ष का भविष्य और संभावित समाधान अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों और शक्तिशाली देशों के संयुक्त प्रयासों पर निर्भर करता है।

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