संभल( Sambhal) जामा मस्जिद सर्वे: तनाव, पथराव और हिंसा का मामला

Sambhal Jama Masjid: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद पर सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना दिया। इस घटना में पथराव, आगजनी और जान-माल का नुकसान हुआ। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। आइए जानते हैं इस घटना के प्रमुख पहलुओं के बारे में विस्तार से।

Sambhal Jama Masjid Survey

घटना की पृष्ठभूमि

  1. सर्वेक्षण का उद्देश्य:
    जामा मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू पक्ष ने न्यायालय में वाद दायर किया था। न्यायालय ने इस मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे का आदेश दिया।
  2. सर्वे टीम का आगमन:
    रविवार सुबह डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में मस्जिद के अंदर सर्वेक्षण शुरू हुआ।

तनावपूर्ण माहौल

  1. स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
    सर्वे की जानकारी मिलते ही मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए और बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने रविवार और छुट्टी के दिन सर्वेक्षण करने पर आपत्ति जताई।
  2. हंगामा और पथराव:
    पुलिस के समझाने के बावजूद भीड़ ने मस्जिद के अंदर टीम को जाने से रोकने की कोशिश की। स्थिति तब बिगड़ गई जब भीड़ ने अचानक पथराव और आगजनी शुरू कर दी।

पुलिस की कार्रवाई और परिणाम

  1. स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश:
    • पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया।
    • इसके बावजूद बीस से अधिक पुलिसकर्मी और दो दर्जन स्थानीय लोग घायल हो गए।
  2. वाहनों को जलाया गया:
    गुस्साई भीड़ ने दस से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
  3. मौत और तनाव:
    इस घटना में दो लोगों की मौत की सूचना है, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया।

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इलाके में सुरक्षा के इंतजाम

  1. पुलिस बल तैनात:
    घटना के बाद जामा मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग कर इलाके को सील कर दिया गया। आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।
  2. वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी:
    डीएम, एसपी और जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
  3. सोशल मीडिया पर निगरानी:
    पुलिस टीम सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर नजर रख रही है। ऐसी पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

सर्वेक्षण और आगे की प्रक्रिया

  1. सर्वेक्षण का निष्कर्ष:
    मस्जिद के अंदर करीब दो घंटे तक सर्वे चला। टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण कर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की।
  2. रिपोर्ट की प्रस्तुति:
    सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी।

न्यायालय में मामला

  • हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद हरिहर मंदिर थी।
  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और अन्य वादीगण शामिल हैं।

निष्कर्ष

संभल में जामा मस्जिद पर हुआ यह विवाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का गंभीर उदाहरण है। प्रशासन और पुलिस की तत्परता से स्थिति को संभालने की कोशिश की गई।

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