बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन
Bangladesh : बांग्लादेश में इस समय आरक्षण (Reservation) के विरोध में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। इस भारी प्रदर्शन के चलते भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी कर दी है, जिसमें उन्हें बांग्लादेश में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

प्रदर्शन का कारण
बांग्लादेश (Bangladesh) में वर्तमान आरक्षण व्यवस्था 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद लागू हुई थी। मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। इसके अतिरिक्त, महिलाओं, पिछड़े जिलों, अल्पसंख्यकों, और विकलांगों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में कुल 56 प्रतिशत आरक्षण लागू है।
प्रदर्शन की स्थिति
छात्र इस आरक्षण व्यवस्था (Reservation) के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। इसके परिणामस्वरूप स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
सरकार और न्यायालय की भूमिका
2018 में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिनके बाद सरकार ने आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। लेकिन 5 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 2018 से पहले की आरक्षण (Reservation) व्यवस्था बहाल की जाए। इस फैसले के विरोध में फिर से प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। छात्रों का आरोप है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सही ढंग से अपना पक्ष नहीं रखा।
छात्रों की मांगें
छात्रों की मांग है कि आरक्षण (Reservation) को खत्म कर दिया जाए या कम से कम 10 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जाए। वे सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर और समान परीक्षाओं की मांग कर रहे हैं।
समाज और राजनीति पर प्रभाव
इस आंदोलन का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है। राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है, और संभावित समाधान के लिए सरकार और छात्रों के बीच बातचीत की कोशिशें हो रही हैं।
निष्कर्ष
बांग्लादेश ( Bangladesh ) में आरक्षण (Reservation) विरोधी प्रदर्शन ने देश को एक संकट की स्थिति में डाल दिया है। इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब सरकार और न्यायालय मिलकर सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित नीति बनाएं। भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है कि आरक्षण और समान अवसर की नीतियों में संतुलन बनाया जाए।
भारत में भी इस तरह से आरक्षण (Reservation) से लोग परेशान है। क्या भारत में आरक्षण सही है इस पर अपनी राय कमेन्ट बोक्स में जरूर दें